भारतीय संस्कृति में चंद्रमा का विशेष स्थान है। विशेष रूप से जब बात करवा चौथ, गणगौर या संकष्टी चतुर्थी जैसे पर्वों की आती है, तब चंद्रमा का दर्शन करना एक धार्मिक अनुष्ठान बन जाता है। ऐसे में यह जानना बहुत ज़रूरी हो जाता है कि आज चौथ का चांद कितने बजे निकलेगा। आज चौथ का चांद कितने बजे निकलेगा? इस प्रश्न का उत्तर न केवल श्रद्धालुओं की जिज्ञासा शांत करता है, बल्कि पूजा की समय-सीमा तय करने में भी मदद करता है।
चौथ का चांद: क्यों होता है इतना खास?
‘चौथ’ शब्द से आशय हिंदू पंचांग की चतुर्थी तिथि से है, जो हर महीने कृष्ण पक्ष या शुक्ल पक्ष में आती है। यह दिन भगवान गणेश, माता पार्वती या पति की लंबी उम्र के लिए किए जाने वाले व्रतों से जुड़ा होता है। खासकर करवा चौथ या संकष्टी चतुर्थी पर चांद के दर्शन के बिना व्रत पूर्ण नहीं माना जाता।
इसलिए यह जानना बहुत जरूरी होता है कि आज चौथ का चांद कितने बजे निकलेगा ताकि व्रतधारी सही समय पर पूजा कर सकें।
चंद्र दर्शन का वैज्ञानिक और धार्मिक महत्व
धार्मिक पक्ष:
धार्मिक दृष्टि से चंद्र दर्शन सौभाग्य, शांति और स्वास्थ्य का प्रतीक माना गया है। करवा चौथ पर महिलाएं निर्जला व्रत रखकर रात को चांद देखने के बाद ही जल ग्रहण करती हैं। इसी तरह संकष्टी चतुर्थी पर भगवान गणेश को चंद्रमा के दर्शन अर्पित किए जाते हैं।वैज्ञानिक पक्ष:
चंद्रमा की किरणें मन को शांत करती हैं और नींद में सुधार लाती हैं। इसके अलावा, चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण समुद्र की लहरों से लेकर हमारे शरीर की जैविक क्रियाओं तक पर असर डालता है।
आज चौथ का चांद कितने बजे निकलेगा?
यह सबसे मुख्य और पूछा जाने वाला प्रश्न है। आज चौथ का चांद कितने बजे निकलेगा—इसका उत्तर आपके स्थान पर निर्भर करता है। अलग-अलग शहरों में चांद के उदय होने का समय थोड़ा-थोड़ा बदलता है। नीचे कुछ प्रमुख शहरों के लिए अनुमानित समय दिए जा रहे हैं:
शहर का नाम | चांद निकलने का समय |
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दिल्ली | शाम 8:12 बजे |
मुंबई | शाम 8:27 बजे |
कोलकाता | शाम 7:56 बजे |
बेंगलुरु | शाम 8:20 बजे |
लखनऊ | शाम 8:08 बजे |
इन समयों में थोड़ा-बहुत बदलाव हो सकता है, इसलिए स्थानीय पंचांग या मौसम विभाग की साइट पर भी जानकारी देखना उचित होगा।
चांद निकलने से पहले की तैयारी
1. पूजा की थाली सजाएं
थाली में रखें – चावल, रोली, दीपक, मिठाई, करवा, छलनी और जल से भरा लोटा।
2. मेहंदी और श्रृंगार
करवा चौथ या गणेश चतुर्थी पर महिलाएं विशेष श्रृंगार करती हैं, जिससे यह दिन और भी खास बन जाता है।
3. कथा वाचन
चांद निकलने से पहले व्रत कथा पढ़ना या सुनना जरूरी माना जाता है।
चांद देखने की विधि
जब चंद्रमा आकाश में दिखाई दे, तब पहले छलनी से चांद देखें, फिर अपने पति का चेहरा देखें (करवा चौथ में)। इसके बाद अर्घ्य अर्पण करें और व्रत तोड़ें। संकष्टी चतुर्थी में चांद को जल चढ़ाने के बाद भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
क्या चांद न दिखे तो क्या करें?
कई बार मौसम खराब होने या बादलों की वजह से चांद नहीं दिखता। ऐसे में स्थानीय समय के अनुसार चांद निकलने के अनुमानित समय पर पूजा करें और मन में चंद्रमा को याद कर अर्घ्य अर्पित करें। श्रद्धा और भावना ही सबसे अहम होती है।
मोबाइल ऐप और वेबसाइट से समय कैसे देखें?
अगर आप जानना चाहते हैं कि आज चौथ का चांद कितने बजे निकलेगा, तो इसके लिए कुछ बेहतरीन ऐप और वेबसाइट हैं:
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Drik Panchang (App और Website दोनों)
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ISRO Weather Satellite Imagery
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Google Weather & Moonrise Time
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Hindu Calendar 2025
इन प्लेटफॉर्म्स पर आप अपने लोकेशन के आधार पर सटीक चांद निकलने का समय जान सकते हैं।
भारत में चौथ की तिथियां और त्योहार
माह | त्योहार |
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अक्टूबर | करवा चौथ |
अगस्त | संकष्टी चतुर्थी |
मार्च | गणगौर चौथ |
दिसंबर | व्रत चार चतुर्थी |
हर माह की चौथ का महत्व अलग होता है, और सभी व्रतधारी जन चंद्र दर्शन का बेसब्री से इंतजार करते हैं।
लोककथाएं और पुराणों में चांद
हिंदू पुराणों में चंद्रमा को सोमदेव कहा गया है। चंद्रमा को शांत, सौम्य और आकर्षक माना गया है। भगवान शिव की जटाओं में चंद्रमा का वास होने के कारण भी यह अत्यंत पूजनीय है। कहा जाता है कि चंद्रमा को देखकर व्रत तोड़ने से पति की दीर्घायु और सौभाग्य में वृद्धि होती है।
चौथ व्रत से जुड़ी कुछ सावधानियां
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दिनभर पानी न पीने से शरीर में डिहाइड्रेशन हो सकता है। इसलिए अगर आप अस्वस्थ हैं, तो डॉक्टर से सलाह लें।
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सही समय पर व्रत तोड़ना जरूरी होता है।
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गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को व्रत से पहले उचित सलाह लेनी चाहिए।
भक्तों की भावना और आस्था
व्रत केवल रीति-रिवाज नहीं बल्कि श्रद्धा का प्रतीक हैं। लाखों महिलाएं सालों से बिना किसी दिखावे के यह व्रत रखती हैं। उनकी एक ही जिज्ञासा होती है: आज चौथ का चांद कितने बजे निकलेगा। यह एक प्रश्न नहीं, बल्कि एक श्रद्धा का भाव है जो हर दिल को जोड़ता है।
निष्कर्ष: चांद के दर्शन से पूर्ण होता है व्रत
चाहे संकष्टी चतुर्थी हो, करवा चौथ हो या किसी अन्य चौथ का पर्व—चंद्र दर्शन के बिना यह अधूरा माना जाता है। इसलिए यह जानना अत्यंत आवश्यक है कि आज चौथ का चांद कितने बजे निकलेगा, ताकि सही समय पर पूजा हो और व्रत सफलतापूर्वक पूर्ण हो सके।
आपका स्थान चाहे जहां हो, अपने दिल में आस्था और सिर पर चांद की छाया हो – यही है भारतीय संस्कृति की सुंदरता।
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